मुहब्बत के दुश्मन खता माफ करना।
तुझे कह दिया बे-व$फा माफ करना।।
सलामत रहे चाहने वाला तेरा,
न ये मांगनी थी, दुआ माफ करना।।
सनम से मु$खातिब, जबीं झुक गई थी,
मैं काफ़िर नहीं हूं, $खुदा माफ करना।।
मेरे आस्तां से गुज़रते तो हो तुम,
जो कह दूं कभी, मरहबा माफ करना।।
-महेश सोनी