mahesh soni
शुक्रवार, 26 जून 2009
ज़िन्दगी
बाद मुद्दत के मेरे
दर
पे नामबरआया।
आज फिर किसका ये पैगाम मेरे घर आया।
हादसे यूँ भी कई बार मेरे साथ हुए।
खून उसने किया, इल्जाम मेरे सर आया.
-महेश सोनी
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