रविवार, 21 दिसंबर 2008

मेरा परिचय

महेंद्रसिंग धोनी के साथ
 आदित्यनारायण के साथ
फ़िल्म अभिनेता रंजीत से आयोजन के दौरान मुलाक़ात करते हुए महेश सोनी। राज्यपाल डॉ बलराम जाखड चर्चारत महेश सोनी
नाम- महेश सोनी
आत्मज- श्री बदामीलाल सोनी
जन्म- ५ अगस्त सन १९७१ को देवास जिला के ग्राम कोलरी में
शिक्षा- एमए (हिन्दीसाहित्य )
व्यवसाय- पत्रकारिता
संस्थान: दैनिक स्वदेश भोपाल में वरिष्ठ प्रतिनिधि
लेखन- गीत, कविता,ग़ज़ल (उर्दू), शायरी, नाटक लेखन,
शीर्षक गीत, आलेख, रपट आदि।
पुरस्कार/सम्मान

  1. आकाशवाणी भोपाल में आ.उद्घोषक।

  2. दूरदर्शन भोपाल में कम्पेयर।

  3. बेहतर शायरी के लिए दूरदर्शन से गोल्ड मैडल।

  4. ''कोंपल'' कविता कर्मशाला १९९३ में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रमाणपत्र।

  5. कादम्बिनी साहित्य महोत्सव दिसम्बर १९९५ में ''ग़ज़ल'' के लिए प्रथम पुरस्कार तत्कालीन राज्यपाल मोहम्मदशफी कुरैशी द्वारा प्रदान किया गया।
  6. राजधानी की साहित्यिक संस्था कला मन्दिर द्वारा ''श्रेष्ट अभिव्यक्ति सम्मान
  7. ''रोज़गार निर्माण '' निबंध के लिए पुरस्कार
  8. साहित्य वाटिका गोरखपुर द्वारा ''सरस्वती प्रतिभा सम्मान -2000''
  9. अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित
  10. ग़ज़ल-संग्रह ''दर्द की बस्ती'' को १९९८ में 'पवैया पुरस्कार.
ख़ास उपलब्धियां
  • दूरदर्शन-आकाशवाणी में १९९६ से आकस्मिक उद्घोषक
  • धारावाहिक ''कहत कबीर'' का रेडियो से तीन साल तक प्रसारण
  • तीन सौ से भी अधिक भेंट-वार्ताओं का प्रसारण रेडियो से।
  • दूरदर्शन से ख्यात शख्शियतों के साक्षात्कार।
  • ''कृषिदर्शन'' में नियमित कार्यक्रम भोपाल दूरदर्शन पर।
विशेष उपलब्धि
युवा कवि महेश सोनी के कविता संग्रह ''भीड़ में खालीपन'' को प्रकाशित करने के लिए मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी, संस्कृति विभाग ने अनुदान की स्वीकृति दी है। महेश सोनी की यह पाण्डुलिपि प्रदेश भर के युवा कवियों में से जूरी द्वारा चुनी गई है। दिनांक ९/६/०९

शनिवार, 6 दिसंबर 2008

इंतज़ार

दर्द से रोशनी,ग़म को बहार करते हैं।
फूल से दोस्ती,काँटों को प्यार करते हैं।
लोग ऐसे भी हैं गैरों की इख्तियारी में,
जि़न्दगी रहन है, सांसें उधार करते हैं।
उनके खामोश लबों का है नाम मज़बूरी,
जो मेरी बेबसी पे ऐतवार करते हैं।
कोई मौका तो दे हम को भी इंतजारी का,
हम भी वो शख्स हैं जो इंतज़ार करते हैं।
बेव$फाई महेश रस्म है ज़माने की,
और हम हैं कि व$फा बार-बार करते हैं।
-महेश सोनी

शुक्रवार, 5 दिसंबर 2008

मुहब्बत के दुश्मन

गजल
मुहब्बत के दुश्मन खता माफ़ करना। 
तुझे कह दिया बेवफा माफ़ करना। 
सनम से मुखातिब जबीं झुक गई थी, 
मैं काफिर नहीं हूँ, खुदा माफ़ करना। 
बारहा मेरे दर से गुजऱते तो हो तुम, 
जो कह दूँ कभी, मरहबा माफ़ करना। 
सलामत रहे चाहने वाला तेरा, 
न ये मांगनी थी, दुआ माफ़ करना। 
-महेश सोनी

मुहब्बत के दुश्मन

मुहब्बत के दुश्मन खता माफ़ करना। तुझे कह दिया बेवफा माफ़ करना। सनम से मुखातिब जबीं झुक गई थी, में काफिर नहीं हूँ, खुदा माफ़ करना। मेरे बारहा से गुज़रते तो हो तुम, जो कह दूँ कभी, मरहबा माफ़ करना। महेश सोनी