बुधवार, 12 अक्तूबर 2022

‘कामसूत्र‘ का किया रहस्य उजागर, मनुस्मृति जलाने वालों से किया सवाल


मप्र साहित्य अकादमी के निदेशक डाॅ. विकास दवे ने पहली बार किसी ऐसे विषय पर बात की है जिसपर लोग बात करना तो दूर उसका नाम लेने में भी संकोच करते रहे। यह डाॅ. विकास दवे की वाक-सामर्थ्य ही है कि भरे पूरे सभागार में लोगों ने बहुत ही चाव से सुना। उनकी यह बेवाक टिप्पणी विगत दिनों लेखक सुरेश पटवा की दो किताबों के विमोचन अवसर पर सामने आई। उन्होंने वात्स्यायन रचित ‘कामसूत्र‘ में निहित जीवन पद्धति के रहस्यों का उद्घाटन ही नहीं किया बल्कि उन्होंने तो ‘मनु स्मृति‘ को जलाने वालों को भी हासिये पर ला खडा किया। यह वीडियो जब आप भी शीर्षक देखकर स्किप कर देंगे तो उन्होंने जो बातें कही वह सत्य भी हो जायेंगी। उनके ही कथन को मैं यहां पर लिख रहा हूं।
जिस तरह से मनु स्मृति को पढा किसी ने नहीं और जला दिया,अरे कम से कम यह तो देखते कि आखिर उसमें हैं क्या-------ठीक उसी तरह इस वीडियों को भी बिना देखे ही स्किप कर दिया तो समझिये आप भी उन्हीं लोगों में शामिल हैं जो यह जानना ही नहीं चाहते कि आखिर इसमें है क्या!
-महेश सोनी

रविवार, 9 अक्तूबर 2022

Masik Patrika SahityaRanjan August 2022

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हमारे सभी सम्‍मानित पाठक का तथा रचनाकारो का बहुत बहुत धन्‍यवाद के अपने साहित्य रंजन के स्‍वतंत्रता विशेषांक में अपनी रचनाएं भेजा ये अंक आपको डाक से भी पहुचाया गया नंबर में सम्‍पर्की है