मंगलवार, 21 नवंबर 2017

प्रदर्शनी में दिखाया लौह पुरूष का जीवन समग्र


विज्ञान केन्द्र में 'एक भारत: सरदार पटेल'  प्रदर्शनी ह लोकप्रिय

महेश सोनी

भोपाल। आंचलिक विज्ञान केन्द्र में लगी सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन समग्र पर आधारित प्रदर्शनी लोगों के बहुत ही संदेशप्रद और ज्ञानवर्धक है। इससे बहुत कुछ सीखने का मिलता है। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की एक परियोजना के अंतर्गत, 31 अक्टूबर 2017 को सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर आंचलिक विज्ञान केंद्र भोपाल में 'एक भारत: सरदार पटेल' नामक डिजिटल प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसमें आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सरदार पटेल के जीवन वृत को विभिन्न आयामों से दिखाने की कोशिश पूरी तरह से सफल रही है। यह प्रदर्शनी ना सिर्फ भोपाल बल्कि मध्य प्रदेश के सुदूर अंचलों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों सहित अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचनी चाहिए, ताकि लोग सरदार पटेल के देश हित में मिए गए कार्यों को भलिभांति समझ सकें । इस डिजिटल प्रदर्शनी में भारत के एकीकरण में सरदार पटेल के योगदान के बारे में बताया गया है और इसका निर्माण माननीय प्रधानमंत्री के प्रोत्साहन से हुआ है। गौरतलब है कि इस प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली में वर्ष 2016 में इसी दिन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था जिसकी पहली वर्षगाँठ आंचलिक विज्ञान केंद्र, भोपाल में मनाई जा रही है। उद्घाटन समारोह में मंत्री उमाशंकर गुप्ता के अलावा डॉ. नवीन चंद्रा, महानिदेशक, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, प्रबाल रॉय, प्रकल्प समन्वयक, आंचलिक विज्ञान केंद्र, भोपाल आदि उपस्थित थे।

दुर्लभ जानकारी शामिल

यह प्रदर्शनी सरदार पटेल द्वारा एकीकृत एवं लोकतान्त्रिक भारत के निर्माण में किये गए अथक प्रयासों को एक श्रद्धांजलि है। यह प्रदर्शनी सरदार पटेल द्वारा भारत को एकीकृत करने के लिए किये गए वृहद् प्रयासों का सन्देश देती है। इस प्रदर्शनी में कुछ दुर्लभ जानकारियां और सामग्रियां हैं, जिन्हें राष्ट्रीय अभिलेखागार के अभिलेखों से प्राप्त किया गया है। यह प्रदर्शनी राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद् द्वारा निर्मित एवं राष्ट्रीय डिज़ाइन संस्थान अहमदाबाद द्वारा डिज़ाइन की गई है। इस प्रदर्शनी में लगभग 50 प्रादर्श एवं20 विभिन्न तरह के संवादात्मक यंत्र हैं ढ्ढ यह प्रदर्शनी दर्शकों को विभिन्न डिजिटल प्रादर्शों से मुखातिब होने का मौका देती है, जो भारत को एकीकृत करने में सरदार पटेल के प्रयासों को समझाते हैं। इस प्रदर्शनी में कई तकनीकों जैसे 3डी फिल्म्स (बिना चश्मे के), होलोग्राफिक प्रोजेक्शन, काइनेटिक प्रोजेक्शन, आक्युलस आधारित आभासी वास्तविकता आदि का प्रयोग किया गया है ढ्ढ अभिलेखों के अंतर्गत राष्ट्र को एकीकृत करने में सरदार पटेल की भूमिका के परिणामस्वरूप भारत संघ में रियासतों को सम्मिलित करने हेतु विभिन्न रियासतों द्वारा हस्ताक्षरित विलय पत्रों को इस प्रदर्शनी में शामिल किया गया है। केंद्र में यह प्रदर्शनी 31 अक्टूबर से 30 नवम्बर 2017 तक आम जनता के लिए उपलब्ध रहेगी। सभी छात्रों एवं लोगों को इस प्रदर्शनी का अवलोकन अवश्य करना चाहिए। 

स्टेचू के साथ फोटो खिंचाने की ललक

आंचलिक विज्ञान संग्रहालय में सरदार वल्लभ भाई पटेल जी का कक्ष जिसमें वे कुर्सी पर बैठे हुए अपनी सामने फाईल में रखे कागजों को देखकर कुछ इशारा कर रहे हैं। हूबहू उनका स्टेचू सभी के लिए बहुत ही कौतूहल और आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। हर कोई यहां आकर कक्ष के सामने खड़े होकर फोटो खिंचाने की ललक लिए देखा जा सकता है। वाकई यह जगह है ही ऐसी, और फिर सरदार पटेल का आकर्षण हर किसी को अपनी ओर बुला रहा है। हम भी पहुंच गए और एक फोटो खिंचा ली। इसके साथ ही एक जगह एसी भी है जहां आप माइक पर सरदार पटेल जी से प्रश्न पूछ सकते हैं और वे तुरंत आपको उत्तर भी देते हुए दिखाई दे जाएंगे। वाकई काबिले तारीफ है यह प्रदर्शनी।

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