सोमवार, 27 नवंबर 2017

सकारात्मक लेखन से बेटियों का हौंसला बढ़ाएं: शर्मा

सकारात्मक लेखन से बेटियों का हौंसला बढ़ाएं: शर्मा

सरोकार द्वारा आयोजित कविता एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता के वितरित किए पुरस्कार

फोटो केप्शन: सरोकार द्वारा आयोजित कविता लेखन प्रतियोगिता में वरिष्ठ पत्रकार महेश सोनी को द्वितीय पुरस्कार प्रदान करते हुए अतिथिगण। 



भोपाल। अब बेटियों के प्रति नकारात्मक लिखना बंद करें और सकारात्मक लिखकर बेटियों का हौंसला बढ़ाएं। यह बात सरोकार द्वारा आयोजित कविता एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी व फिल्मकार मुकेश शर्मा ने कही। रविवार को लैंगिक समानता के लिए प्रतिबद्ध संस्थान सरोकार द्वारा हिंदी भवन में कविता एवं फोटोग्राफी प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक डॉक्टर सुरेश तोमर, प्रख्यात रंगकर्मी एवं फिल्मकार मुकेश शर्मा एवं विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी, माध्यम और वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेंद्र पाल सिंह भी मौजूद रहे। वहीं विशेष रूप से किन्नर समाज कल्याण समिति की अध्यक्ष देवी रानी भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में सरोकार की सक्रिय कार्यकर्ता व दिल्ली विवि की छात्रा यशस्वी कुमुद ने बेटियों के स्वाभिमान को जगाते हुए गीत प्रस्तुत किए जिनमें पहला गीता 'दी वक्त ने चेतावनी हमने नहीं मानी, लगता है जैसे बह गया हर आंख का पानी और दूसरा गीत बाबुल जिया मोर घबराए जैसे गीतों के जरिए कार्यक्रम में स्फूर्ति प्रदान की। के अंत में सरोकार द्वारा सिक्सटीन डेज एक्टिविज्म के अंतर्गत 'मैं भईया से बात करूंगी और 'तुमसे वादा है मेरा जैसे दो सोशल मीडिया कैम्पेन की भी घोषणा की गई। इन कैंपेन के जरिए महिला हिंसा के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।

संपत्ति में बेटी का हिस्सा होना चाहिए

कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के अध्यक्ष प्रो. वीपी सिंह ने संस्थान के कार्यों की जानकारी देकर की। इसके बाद कार्यक्रम में डॉ. सुरेश तोमर ने जेंडर ईक्वेलिटी के बारे में लोगों को जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने कई आंकड़े बताकर पितृ सत्तात्मक को खत्म करने की बात कही और कहा कि जिस दिन संपत्ति में बेटियों को हिस्सा देना शुरु कर देंगे, उस दिन काफी हद तक महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा खत्म हो जाएगी। वहीं इस मौके पर पीपीसिंह ने कहा कि हमें कुछ इसी तरह से घर-घर पहुंचने की जरूरत है क्योंकि ये बुराई घर-घर में जमी हुई बुराई है। इसे जड़ से उखाडऩे में वक्त लगेगा, मेहनत करते रहें और सकारात्मक बने रहें।

समाज में बदलाव लाएंगी देवी रानी

इस मौके पर संस्थान द्वारा किन्नर देवी रानी को शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया जिसके जरिए समाज में थर्ड जेंडर को भी बराबरी देने की बात की गई। इस मौके पर उन्होंने बताया कि बेटी के जन्म पर लोगों की किस तरह से नकारात्मक प्रतिक्रियाएं रहती हैं इसलिए वे इस अभियान से जुड़कर समाज में बदलाव लाना चाहती है। इसके साथ ही 20 वर्षीय लॉ की छात्र बैतूल की सुनीत अंबुलकर जिन्होंने महिला अधिकारों पर किताब लिखी है, उन्हें भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर अपने क्षेत्र में बेटियों को बढ़ावा देने के लिए जयंति जैन, समीर खान और शहनाज को भी सशक्त साथी सम्मान दिया गया।

ये रहे प्रतियोगिता के विजेता

कार्यक्रम में कविता प्रतियोगिता का प्रथम पुरस्कार अंकित पाण्डेय को, द्वितीय पुरस्कार महेश सोनी को तथा तृतीय पुरस्कार शिवेंद्र कुमार मिश्रा को प्रदान किया गया। जबकि  फोटोग्राफी प्रतियोगिता के टॉप 5 विजेताओं में मुक्तेशी पटेल, ईशा आरूषि, अंकित त्रिपाठी, दीक्षा पुरोहित तथा मानसी सोनकर को पुरस्कार राशि, पशस्तीपत्र तथा स्मृति चिन्ह अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया। कार्यक्रम का संचालन कुमुद सिंह ने किया। 


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